कछुए और खरगोश की कहानी
Consistency Hindi Motivational Story
एक बार जंगल में कछुए और खरगोश में रेस का आयोजन हुआ । सब हैरान थे की बहुत ही धीरे चलने वाला कछुआ एक तेज़ तर्रार खरगोश का कैसे सामना करेगा, सब सोच रहे थे यह रेस तो बेकार की है और कछुए की बुरी हार होगी ।
इस तरफ खरगोश बड़े जोश में था, वो कछुए को बार – बार चिढ़ा रहा था की अरे पागल तू मुझे कभी सपने में भी हरा नहीं सकता लेकिन कछुआ बहुत शांत था उसे पता था की वह Slow ज़रूर है लेकिन उसकी चाल में निरंतरता (Consistency) है, तो उसे पता था की मुझे लगातार प्रयास करते रहना होगा तभी कुछ बात बनेगी ।
रेस थोड़ी ही देर में चालू होने वाली थी और इस रेस को देखने के लिए पूरा जंगल आज उमड़ा था, सभी हँस रहे थे की कछुआ आज बुरी तरह से हारेगा ।
इस रेस को हाथी ने हरी झंडी दिखाई और इस तरह रेस चालू हो गई खरगोश अपने जोश के साथ दौड़ ने लगा और कछुआ अपनी धीमी गति के साथ आगे बढ़ने लगा, थोड़ी ही देर में खरगोश आधी रेस पूरी कर चुका था और कछुए से बहुत आगे निकल चुका था ।
खरगोश बहुत जोश में था वो रुका और पीछे मुड़कर देखा, उसे दूर – दूर तक कही कछुआ नजर नहीं आ रहा था तो वह अपने अभिमान में हँसा और सोचा की कछुए को तो अभी यहाँ तक आने में भी बहुत समय लग जायेगा तब तक मैं कुछ घास खा लेता हूँ ।
उसने वहां आसपास की घास को खाकर सोचा की चलो अभी भी कछुआ कही नहीं दिख रहा इसलिए इस पेड़ के नीचे थोड़ा आराम कर लूँ यह सोच कर वह पेड़ के नीचे आराम से सो गया, पास में ही नदी से आते ठंडे पवन की वजह से खरगोश को गहरी नींद लग गई ।
इस तरफ कछुआ धीरे – धीरे अपनी मंज़िल की और आगे बढ़ने लगा, अब वह उस जगह पर पहुँच चुका था जहाँ पे खरगोश बड़े आराम से नींद ले रहा था कछुए ने इस मौके का फायदा उठाते हुए लगातार अपनी चाल बनाए रखी और निरंतर अपने लक्ष्य की और बढ़ता रहा ।
इस तरफ खरगोश की नींद खुली और उसने देखा की उसके थोड़े से आराम में बहुत Time चला गया था, उसने आगे पीछे देखा लेकिन उसे कछुआ कही नहीं दिखा अब वह घबराहट में बड़ी तेज़ी से लक्ष्य की और भागा ।
जैसे ही वो फिनिश लाइन पर पहुँचा और उसने देखा की वहाँ तो कछुआ पहले से ही पहुँच चुका था और वहाँ पे तो सब जानवर मिलकर कछुए की जीत का जश्न भी मना रहे थे, यह देख खरगोश का तो दिल बैठ गया उसे समझ ही नहीं आ रहा था की वह एक कछुए से रेस कैसे हार गया ।
इस तरह एक तेज़ तर्रार खरगोश एक धीमी चाल वाले कछुए से हार चुका था ।
इस छोटी सी स्टोरी में सफलता का बहुत बड़ा राज भी छिपा है और आज हम यहाँ इस Success Secret के बारे में बात करेंगे ।
हम भी उस खरगोश की तरह तेज़ तर्रार है और यह बहुत ही अच्छी बात है लेकिन सिर्फ तेज़ तर्रार या अधिक गति से सफलता हासिल नहीं होती, हमें कछुए की तरह Consistent भी होना होगा । आज के इस तेज़ तर्रार युग में अगर हमें सफल होना है तो लगातार चलते रहना होगा बिना थके, बिना हारे हमें अपने लक्ष्य की और निरंतर (Continuity) आगे बढ़ते रहना होगा ठीक कछुए की तरह ।
आज के इस कड़ी प्रतिस्पर्धा के युग में अक्सर हम सब शुरुआत तो बड़ी तेज़ तर्रार और जोश के साथ करते है लेकिन हम लगातार निरंतरता के साथ आगे नहीं बढ़ पाते और इसीलिए हम अपनी मनचाही सफलता भी प्राप्त नहीं कर पाते ।
चाहे हम कुछ नया सीखना चाहते हो, पढ़ाई करना चाहते हो या करियर में आगे बढ़ना चाहते हो तो हमें Consistent होना होगा लेकिन अक्सर हम सब आगे बढ़ना और सफल होना तो चाहते है लेकिन ज्यादातर लोग Consistent नहीं हो पाते और इसकी वजह से असफल हो जाते है ।
इस लिए अगर हमें सफल होना है, Grow करना है, आगे बढ़ना है तो हमें Consistent होना होगा ।
जिस भी व्यक्ति में Consistency का गुण है वह पहाड़ों को भी चीरकर सफलता (Success) प्राप्त कर सकता है ।
जैसे अगर किसी पत्थर पे लगातार पानी चलता रहे तो वह पत्थर का आकार भी बदल जाता है ठीक वैसे ही हम भी लगातार चलते रहे तो नामुमकिन लगने वाले लक्ष्य भी हम पार कर सकते है और इसका बेहतरीन उदाहरण है Virat Kohli हम देख रहे है की आज Virat वर्ल्ड का सबसे बेहतरीन Cricketer बन चुका है और उसकी वजह है उसकी Consistency (निरंतरता) ।
इस स्टोरी से हमें एक बहुत ही बहुमूल्य Success Secret प्राप्त होता है और वह है Consistency (निरंतरता) ।
अगर आप सफलता हासिल करना चाहते है तो अपने प्रयासों को बिना थके, बिना हारे, बिना रुके लगातार करते रहो और आगे बढ़ते रहो बार – बार Action लेते रहो ।
यह मायने नहीं रखता की आप कितने तेज़ चल रहे है जब तक आप रुके नहीं ।
किसी भी इंसान को कभी भी अपना उत्साह कम नहीं करना चाहिए चाहे धीरे धीरे ही सही लगातार संघर्ष करते रहना चाहिए ।
Story by :- VIRAT CHAUDHARY
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